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स्क्रीन से दूरी बनाए रखें: सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि इनसे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
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बुरे सपनों का हमारी नींद और हेल्थ पर असर
अगर आप रात को भारी और तला-भुना खाना खाते हैं तो इसका सीधा असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है और दिल की धड़कन बढ़ने लगती है, जिससे बुरे सपने आने की संभावना बढ़ जाती है। जब शरीर को रात के समय भारी भोजन को पचाने में कठिनाई होती है, तो यह मानसिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है। इससे नींद में खलल पड़ता है और डरावने सपने आते हैं।
रात को ध्यान या मेडिटेशन करके सोने से बुरे सपने नहीं आते हैं
कई बार मन थका हुआ होता है और शरीर भी कमजोर है तब बुरे सपने आते हैं.
रात में क्यों आते हैं डरावने सपने? इसके पीछे क्या होती है वजह, यहां समझ लीजिए बुरे सपनों का सीक्रेट
नींद का ध्यान रखें: दवाइयों के साथ-साथ अपनी नींद का ध्यान रखना भी जरूरी है। सुनिश्चित करें कि आप पूरी नींद ले रहे हैं, जिससे दवाओं का असर कम हो सके और आप बेहतर महसूस करें।
अगर आपको लगता है कि आपका बढ़ता हुआ तनाव आपके सपनों के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है तो इसे कंट्रोल करने की कोशिश करें। इसके लिए अपनी सुबह की शुरुआत कसरत या मॉर्निंग वॉक से करें, दिन के समय आराम करने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लें।
अच्छी नींद चाहते हैं और बुरे सपनों से बचना चाहते हैं तो आपको हफ्ते में कम से कम तीन दिन कसरत करनी ही चाहिए
प्रोफ़ेशनल से बात करें: यदि बुरे सपने आपके जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रहे हैं, तो स्लीप डिसऑर्डर पर काम करने वाले प्रोफ़ेशनल एक्सपर्ट से सलाह लेने में कोई बुराई नहीं। वे आपकी स्थिति को बेहतर तरीके से समझकर इसमें सुधार करने में आपकी मदद करेंगे।
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बुरे सपने आने का कारण ज्यादा स्ट्रेस लेना भी हो सकता है,ज्यादा स्ट्रेस लेने से अनिद्रा की समस्या हो जाती है और here आपको बुरे सपने आ सकते हैं